tag:blogger.com,1999:blog-1490370566945501750.post6919240614986053447..comments2024-02-15T12:41:03.018+05:30Comments on KRANT: अच्छे दिन आने वाले हैं KRANT M.L.Vermahttp://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1490370566945501750.post-81603389434800734382014-11-16T11:33:12.245+05:302014-11-16T11:33:12.245+05:30जब बंकिम चन्द्र चटर्जी ने आनन्द मठ उपन्यास में वन्...जब बंकिम चन्द्र चटर्जी ने आनन्द मठ उपन्यास में वन्दे मातरम् गीत को लिखा था तब उनके मित्रों ने उनकी हँसी उड़ायी थी। इस पर बंकिमदा ने जवाब दिया था कि देखना एक दिन यह वन्दे मातरम् मन्त्र बन जायेगा परन्तु मुझे अफसोस है कि वह दिन मैं देखने को जिन्दा नहीं रहूँगा।<br />बाद में वही हुआ वन्दे मातरम् क्रान्तिकारियों के लिए मन्त्र बन गया। ठीक यही बिस्मिलजी की क्रान्ति गीतांजलि में 1929 में प्रकाशित "अच्छे दिन आने वाले हैं" कविता के साथ हुआ। प्रकाशित होने के 85 वर्ष बाद 1914 में वही "हेडलाइन" नरेन्द्र मोदी के चुनाव अभियान में लोकप्रिय कविता बन गयी।<br />अब इसे इतिहासकार किस रूप में इस्तेमाल करते हैं मुझे नहीं मालूम परन्तु मैंने तथ्य आपके समक्ष रख दिए हैं। KRANT M.L.Vermahttps://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1490370566945501750.post-90481260005281364602014-11-03T13:59:07.698+05:302014-11-03T13:59:07.698+05:30मित्रो! दुःख तो इस बात का है कि बिस्मिल की रचनाओं ...मित्रो! दुःख तो इस बात का है कि बिस्मिल की रचनाओं के साथ लोगों ने हमेशा से ही अन्याय किया। स्वयं रज्जू भैया ने मेरी कृति सरफ़रोशी की तमन्ना के आशीर्वचन में यह लिखा है कि रामप्रसाद बिस्मिल की कविताएँ प्रायः अन्य लोगों के नाम से छापी जाती रहीं और किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। क्रान्त जी ने इस कार्य को सम्पन्न करने का बीड़ा उठाया इसके लिए उन्हें सब प्रकार की शुभ कामनाएँ मैं अपनी ओर से देता हूँ। <br />प्रसून जोशी को बीजेपी के लिए यह गीत लिखते समय सच्चे मन से यह तथ्य उजागर कर देना चाहिए था कि यह विज्ञापन गीत उन्होंने बिस्मिल की कविता से भाव उधार लेकर लिखा है। KRANT M.L.Vermahttps://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.com