अन्तिम समय की बातें
राम प्रसाद 'बिस्मिल' ने गोरखपुर जेल की कालकोठरी से 16 दिसम्बर 1927 ई० को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख अपनी आत्मकथा में किया था:
"जब तक कर्म क्षय नहीं होता, आत्मा को जन्म मरण के बन्धन में पड़ना ही होता है, यह शास्त्रों का निश्चय है। यद्यपि यह बात वह परब्रह्म ही जानता है कि किन कर्मों के परिणामस्वरूप कौन सा शरीर इस आत्मा को ग्रहण करना होगा किन्तु अपने लिए यह मेरा दृढ़ निश्चय है कि मैं उत्तम शरीर धारण कर नवीन शक्तियों सहित अति शीघ्र ही पुनः भारतवर्ष में ही किसी निकटवर्ती सम्बन्धी या इष्ट मित्र के गृह में जन्म ग्रहण करूँगा, क्योंकि मेरा जन्म-जन्मान्तर उद्देश्य रहेगा कि मनुष्य मात्र को सभी प्रकृति पदार्थों पर समानाधिकार प्राप्त हो। कोई किसी पर हकूमत न करे। सारे संसार में जनतन्त्र की स्थापना हो। वर्तमान समय में भारतवर्ष की अवस्था बड़ी शोचनीय है। अतएव लगातार कई जन्म इसी देश में ग्रहण करने होंगे और जब तक कि भारतवर्ष के नर-नारी पूर्णतया सर्वरूपेण स्वतन्त्र न हो जायें, परमात्मा से मेरी यह प्रार्थना होगी कि वह मुझे इसी देश में जन्म दे, ताकि उसकी पवित्र वाणी - वेद वाणी का अनुपम घोष मनुष्य मात्र के कानों तक पहुँचाने में समर्थ हो सकूँ। सम्भव है कि मैं मार्ग-निर्धारण में भूल करूँ, पर इसमें मेरा कोई विशेष दोष नहीं, क्योंकि मैं भी तो अल्पज्ञ जीव मात्र ही हूँ। भूल न करना केवल सर्वज्ञ से ही सम्भव है। हमें परिस्थितियों के अनुसार ही सब कार्य करने पड़े और करने होंगे। परमात्मा अगले जन्म से सुबुद्धि प्रदान करे ताकि मैं जिस मार्ग का अनुसरण करूँ वह त्रुटि रहित ही हो।"
इन पंक्तियों में जिन नवीन शक्तियों का उल्लेख बिस्मिलजी ने किया है वह सभी शक्तियाँ परमात्मा ने नरेन्द्र भाई मोदी में समाहित कर दी हैं। इसका परिणाम पूरा विश्व शीघ्र ही देखेगा प्रतीक्षा कीजिये।
राम प्रसाद 'बिस्मिल' ने गोरखपुर जेल की कालकोठरी से 16 दिसम्बर 1927 ई० को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख अपनी आत्मकथा में किया था:
"जब तक कर्म क्षय नहीं होता, आत्मा को जन्म मरण के बन्धन में पड़ना ही होता है, यह शास्त्रों का निश्चय है। यद्यपि यह बात वह परब्रह्म ही जानता है कि किन कर्मों के परिणामस्वरूप कौन सा शरीर इस आत्मा को ग्रहण करना होगा किन्तु अपने लिए यह मेरा दृढ़ निश्चय है कि मैं उत्तम शरीर धारण कर नवीन शक्तियों सहित अति शीघ्र ही पुनः भारतवर्ष में ही किसी निकटवर्ती सम्बन्धी या इष्ट मित्र के गृह में जन्म ग्रहण करूँगा, क्योंकि मेरा जन्म-जन्मान्तर उद्देश्य रहेगा कि मनुष्य मात्र को सभी प्रकृति पदार्थों पर समानाधिकार प्राप्त हो। कोई किसी पर हकूमत न करे। सारे संसार में जनतन्त्र की स्थापना हो। वर्तमान समय में भारतवर्ष की अवस्था बड़ी शोचनीय है। अतएव लगातार कई जन्म इसी देश में ग्रहण करने होंगे और जब तक कि भारतवर्ष के नर-नारी पूर्णतया सर्वरूपेण स्वतन्त्र न हो जायें, परमात्मा से मेरी यह प्रार्थना होगी कि वह मुझे इसी देश में जन्म दे, ताकि उसकी पवित्र वाणी - वेद वाणी का अनुपम घोष मनुष्य मात्र के कानों तक पहुँचाने में समर्थ हो सकूँ। सम्भव है कि मैं मार्ग-निर्धारण में भूल करूँ, पर इसमें मेरा कोई विशेष दोष नहीं, क्योंकि मैं भी तो अल्पज्ञ जीव मात्र ही हूँ। भूल न करना केवल सर्वज्ञ से ही सम्भव है। हमें परिस्थितियों के अनुसार ही सब कार्य करने पड़े और करने होंगे। परमात्मा अगले जन्म से सुबुद्धि प्रदान करे ताकि मैं जिस मार्ग का अनुसरण करूँ वह त्रुटि रहित ही हो।"
इन पंक्तियों में जिन नवीन शक्तियों का उल्लेख बिस्मिलजी ने किया है वह सभी शक्तियाँ परमात्मा ने नरेन्द्र भाई मोदी में समाहित कर दी हैं। इसका परिणाम पूरा विश्व शीघ्र ही देखेगा प्रतीक्षा कीजिये।
12 comments:
History is going to be repeated in America once again after 121 years
of Shikogo conference. Till then
have patience.
अभी आस्ट्रेलिया में नरेन्द्र मोदी को वहाँ की जनता ने जो समर्थन दिया वह विश्व में बढ़ती जा रही उनकी लोकप्रियता का संकेत है। कृण्वन्तो विश्वमार्यम् की अवधारणा को इस समय यदि कोई विस्तृत आयाम दे सकता है तो वह नरेन्द्र मोदी ही है जिसे परमात्मा ने समस्त शक्तियों से परिपूर्ण करके भारत में भेजा ह।
Bilkul ji yesa hi h ,......!!!!!!!!! Aati Uttam Line h Pt'Ram Prashad Bimil ji ko.........
परीणाम निश्चय ही सुखद होगा।
परीणाम निश्चय ही सुखद होगा।
जय हिन्द ।
जय हिन्द ।
मोदी जी की लोकप्रियता आज पूरे विश्व में व्याप्त है ।
किसी राजनेता का विरोधी न हो ऐसा भी आवश्यक नहीं ।
पर 'राष्ट्र विरोधी' होना शर्मनाक है ।
मैं एक भारतीय होने के नाते सभी नागरिकों पक्ष विपक्ष से यह आग्रह करता हूं कि आप सब नीतियों पर विरोध दर्ज करें ।
व्यक्तिगत विरोध भी चलेगा पर संसद का चलना बेहद जरूरी है देश के लिये ।
जय हिन्द जय भारत
मोदी जी की लोकप्रियता आज पूरे विश्व में व्याप्त है ।
किसी राजनेता का विरोधी न हो ऐसा भी आवश्यक नहीं ।
पर 'राष्ट्र विरोधी' होना शर्मनाक है ।
मैं एक भारतीय होने के नाते सभी नागरिकों पक्ष विपक्ष से यह आग्रह करता हूं कि आप सब नीतियों पर विरोध दर्ज करें ।
व्यक्तिगत विरोध भी चलेगा पर संसद का चलना बेहद जरूरी है देश के लिये ।
जय हिन्द जय भारत
Thank you very much, respected Krant Sahab for giving such detailed information as to what you have written and in what spirit you think of respected PM Modi ji. Hope and pray to Almighty that our respected Prime Minister prove successful in his mission.
With warm regards.
विलक्षण
वाह
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