मेरा परिचय
एक क्रन्तिकारी वीर योद्धा के समान मैं
लड़ा था ले दुधारी तलवार इतिहास में.
दुःख तो यही है मेरे बाद मेरा कुछ भी
हुआ नहीं कहीं कोई प्रचार इतिहास में.
एक अभिलाष थी कि देश के लिये मिटूँ
सो कर के दिखा दिया प्रहार इतिहास में.
एक जन्म ले के भी न हो सका मैं पूर्णकाम
जन्म अभी लूँगा बार-बार इतिहास में.
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