अमर शहीद
पं॰रामप्रसाद 'बिस्मिल' उद्यान:
यह उद्यान (बगीचा) रामपुर जागीर की उस ऐतिहासिक बीहड़ भूमि पर ग्रेटर नोएडा प्रशासन द्वारा विकसित किया गया है जहाँ 20वीं शताब्दी के महान क्रान्तिकारी व 'काकोरी काण्ड' के अमर शहीद पंडित रामप्रसाद 'बिस्मिल' ने सन् 1918 के 'मैनपुरी षड्यन्त्र' में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष के दौरान भूमिगत रहते हुए चरवाहे का भेष धारण कर यहाँ के गुर्जरों की गाय-भैंस चराईं और इन्हीं जंगलों मेँ अपना क्रान्तिकारी उपन्यास 'बोल्शेविकों की करतूत' लिखा जो ब्रिटिश सरकार द्वारा छपते ही जब्त कर लिया गया। 'बोल्शेविक' शब्द मूलत: रूसी भाषा का है जिसका हिन्दी में अर्थ होता है 'बहुजन समाज के लोग'। इसका उल्लेख इस उपन्यास मेँ पृष्ठ सं॰ 125 पर मिलता है। बिस्मिल जी के भूमिगत जीवन का बड़ा ही मनोरंजक वर्णन उनकी आत्मकथा मेँ भी मिलता है। 'रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा' आजकल इन्टरनेट पर भी उपलब्ध है। सम्पर्क लिंक है:
http://wikisource.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0_%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%A6_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6_%27%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%27_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%86%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE
हम उत्तर प्रदेश सरकार व ग्रेटर नोएडा प्रशासन को साधुवाद देते हैं कि उन्होंने इस दिशा में एक सार्थक पहल की इसके साथ-साथ यह अनुरोध भी करते हैं कि इस ऐतिहासिक उद्यान का निर्माण तथा रख-रखाव उत्तम कोटि का हो ताकि सरकार की उद्यान व पार्क निर्माण नीति पर कोई प्रश्न-चिन्ह न लग सके.
http://wikisource.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0_%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%A6_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6_%27%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%27_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%86%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE
हम उत्तर प्रदेश सरकार व ग्रेटर नोएडा प्रशासन को साधुवाद देते हैं कि उन्होंने इस दिशा में एक सार्थक पहल की इसके साथ-साथ यह अनुरोध भी करते हैं कि इस ऐतिहासिक उद्यान का निर्माण तथा रख-रखाव उत्तम कोटि का हो ताकि सरकार की उद्यान व पार्क निर्माण नीति पर कोई प्रश्न-चिन्ह न लग सके.
हमें उम्मीद है इस क्षेत्र के सांसद व सरकार में भागीदार सभी लोग हमारे इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करेंगे. यदि इस उद्यान ( बाग़ ) में अमर शहीद पण्डित राम प्रसाद 'बिस्मिल' की मूर्ति उनके आगामी बलिदान-दिवस १९ दिसम्बर २०११ से पूर्व स्थापित हो सके तो सोने पर सुहागे की उक्ति सार्थक होगी.
4 comments:
When Shiv Raj Singh Chowhan C.M. Of Madhya Pradesh can install a statue of Pt. Ram Prasad Bismil at Barbai- ancestral village of Bismil in Morena Distt of M.P., why cont Ms Mayawati do so here at Greater Noida. Being a wise administrator she must take this step immediately.
नमन : करते है उन वीरों को और आपका लेखन बहुत ही शशक्त सार्थक और देशप्रेम की भावना को सहेजे हुए है ..इसके लिए आपको शुभकामनायें
Present U.P.Govt may do some good to the heritage of great martyrs of the state. Let us hope....
No doubt Greater Noida is a lovely city which is emerging on world scenario now a days. Its present C.E.O and the Chairman Rama Raman is a dynamic person who is doing good to improve its culture.
He has recently took a decision in the Board's meeting to develop a Tourist's Spot at Nalgarha village near Noida-Greater Noida Expressway,
Let us hope for some concrete steps by this young man to develop Amar Shaheed Ram Prasad Bismil Udyan of Greater Noida and make it a beautiful Heritage Place.
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