Tuesday, April 5, 2011

TIT FOR TAT ( In original Hindi )

शठे शाठ्यं समाचरेत


दुष्ट हैं जो दुष्टता से बाज नहीं आयेंगे वे, आप साधु हैं तो जंगलों में चले जाइये !

बिच्छू  हैं जो  डंक  मारते  रहेंगे  बार-बार, आप  डूबने  से  उन्हें   लाख हू बचाइये !

कहें  'क्रान्त'  मन  में   मलाल मत मानिये,जो बोधा ने कहा है उसी बोध को सराहिये !

आप को  नचाये  उसे आप हू नचाइये, जो आप को न चाहे बाके बाप को न चाहिये !  

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