बंकिम चटर्जी का लिखा हुआ गीत जिसे , गाकर रवीन्द्र ने संगीत औ' रवानी दी.
गीत ही नहीं था वो था मन्त्र जिसे गाते हुए,लाखों ही शहीदों ने अनाम क़ुरबानी दी.
कहें 'क्रान्त' ऐसा राष्ट्र-गीत हाशिये पे डाल, जन-गण-मन को ये कैसी तर्जुमानी दी.
लायक नहीं थे उन्हें नायक बनाके फिर,जय हे! जय हे! गाके अधिनायकी गुमानी दी.
गीत ही नहीं था वो था मन्त्र जिसे गाते हुए,लाखों ही शहीदों ने अनाम क़ुरबानी दी.
कहें 'क्रान्त' ऐसा राष्ट्र-गीत हाशिये पे डाल, जन-गण-मन को ये कैसी तर्जुमानी दी.
लायक नहीं थे उन्हें नायक बनाके फिर,जय हे! जय हे! गाके अधिनायकी गुमानी दी.
राष्ट्र-गान
किंग जार्ज पंचम की स्तुति-प्रशस्ति में जो, गीत श्री रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने गाया था.
जन-गण-मन-अधिनायक के साथ उन्हें , भारत के भाग्य का विधाता बतलाया था.
कहें 'क्रान्त' खण्डित-स्वदेशमें, पंजाब-सिन्ध-बंग ही नहीं रहा तो क्यों ये गीत भाया था.
'वन्दे-मातरम' जैसा देश भक्ति पूर्ण गीत छोड़ , इसे राष्ट्र-गान किसने बनाया था ?
जन-गण-मन-अधिनायक के साथ उन्हें , भारत के भाग्य का विधाता बतलाया था.
कहें 'क्रान्त' खण्डित-स्वदेशमें, पंजाब-सिन्ध-बंग ही नहीं रहा तो क्यों ये गीत भाया था.
'वन्दे-मातरम' जैसा देश भक्ति पूर्ण गीत छोड़ , इसे राष्ट्र-गान किसने बनाया था ?
1 comment:
The picture shown above is of KRANT who is the writer of this blog. This is almost 40 years old picture.It's classical work of Harsh Studio.Moradabad (India).
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