लोकतन्त्र के साये में कुल का आकार बढ़ा है॥
भारत भ्रष्टाचार राशि दोनों की एक रही है ।
काँग्रेस के साथ करप्शन का भी हाल यही है॥
पहले केवल हरे नोट पर गान्धीजी आये थे।
उसके माने काँग्रेस ने ही यह बतलाये थे॥
चपरासी बाबू अफसर जब दफ्तर में तन जाये।
हरा नोट दिखला दो बिगड़ा हुआ काम बन जाये॥
आम आदमी को पहले इसकी आदत डलवायी ।
उस के बाद करप्शन की सरकारी लिमिट बढ़ायी ॥
दस के बाद पचास बाद में सौ पर बापू आये ।
उसके बाद करप्शन ने अपने जौहर दिखलाये ॥
काँग्रेस ही सूटकेस की धाँसू कल्चर लायी ।
बापू की तस्वीर पाँच सौ के नोटों पर आयी॥
दो गड्डी में पेटी भर का काम निकल जाता है।
लेन देन का धन्धा भी सुविधा से चल जाता है॥
अब तो चिदम्बरम साहब चश्में को पोंछ रहे हैं।
भ्रष्टाचार घटाने की तरकीबें सोच रहे हैं ॥
बड़े-बड़ों के घर आये दिन छापे डाल रहे हैं ।
गान्धी बाबा गड़े हुए हैं उन्हें निकाल रहे हैं ॥
पहले सारा गड़ा हुआ धन ये बाहर ले आये ।
फिर हजार के नोटों पर गान्धीजी को छपबाये ॥
पेटी अब पैकेट बनकर पाकेट में आ जाती है।
सोन चिरैया भारत में अब नजर नहीं आती है॥
लालू एक हजार कोटि की सीमा लाँघ चुके हैं।
नरसिम्हा चन्द्रास्वामी सब इसे डकार चुके हैं॥
माया के चक्कर में बी.जे.पी. ने साख गँवाई।
छ: महिने में माया ने अपनी माया दिखलाई॥
गली- गली नुक्कड़-नुक्कड़ चौराहे-दर-चौराहे।
बाबा साहब भीमराव के स्टेचू गड़वाए ॥
नोटों पर गान्धी बाबा ने अपना रंग दिखाया ।
चौराहे पर बाबा साहब ने वोटर भरमाया ॥
नोटों पर गान्धी बाबा ने अपना रंग दिखाया ।
चौराहे पर बाबा साहब ने वोटर भरमाया ॥
स्विस-लाण्ड्री से जिनके कपड़े धुलकर आते थे।
और मौज मस्ती को जो स्वित्ज़रलैंड जाते थे॥
काँग्रेस ने उनसे इन्ट्रोडक्शन करा लिया है।
नाती-पोतों के खातों का मजमा लगा दिया है॥
रानी की शह पाकर ए.राजा ने हद कर डाली।
कलमाड़ी के कीर्तिमान की कली-कली चुनवा ली॥
मनमोहन बन भीष्म बैठकर नाटक देख रहे हैँ।
चीर- हरण हो रहा और वे आँखें सेंक रहे हैँ ॥
अब तक ६३ सालों में जो कुछ हमने पाया है।
वह सब विश्व बैंक के चैनल से होकर आया है॥
काँग्रेस का बीज यहाँ अँग्रेजों ने बोया था ।
जिसके कारण भारत का जो स्वाभिमान खोया था॥
उसको कर्म-क्रान्ति के द्वारा फिर वापस लाना है।
'क्रान्त' का ये सन्देश आपको घर- घर पहुँचाना है ॥
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5 comments:
My dear viewers of this blog!
I had sent this on 6-2-2011 to Baba Ramdev when he was on All India Tour. He took it serously and did a rally on 27-2-2011 at Ramlila Ground Delhi.
After that Anna Hajare did his first Anshan on 5th April 2011 at Jantar Mantar Delhi. Third rally was at Ramlila Ground on 4th June 2011 and now this is the fouth one which continues. If any one has any doubt he may see my blog of 6-2-2011.
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Giving you the following links as promised....
1-ठुमक चलत रामचंद्र , बाजत पैजनिया --रामकोट-अयोध्या -- और मेरा बचपन !
http://zealzen.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.html
2-वोट बैंक बनाने के लिए आप कितना नीचे गिरेंगे चिदम भाई ?---ईमान, हया, शर्म सब बेच खायी ?
http://zealzen.blogspot.com/2010/09/blog-post_27.html
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3-काया में स्थित कायस्थ --वेदान्त केसरी-- स्वामी विवेकानंद !
http://zealzen.blogspot.com/2010/09/zeal_14.html
4-काश्मीर को आज़ाद होना चाहिए -- भूखे नंगे हिंदुस्तान से -- अरुंधती रॉय
http://zealzen.blogspot.com/2010_10_01_archive.html
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5-क्या हिन्दुस्तान आजाद है ? पहले मुग़ल , फिर अंग्रेज़ और अब कांग्रेसी मानसिकता के गुलाम हैं हम
http://zealzen.blogspot.com/2010/10/blog-post_23.html
6-देश को ख़तरा है इटालियन गांधियों से -राहुल गांधी , सोनिया गांधी.
http://zealzen.blogspot.com/2010/12/blog-post_29.html
Regards,
Divya
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Respected Verma ji ,
The above creation is telling the bitter reality of our politicians. Hope people will realize it soon. The poetic skill is admirable.
regards,
Divya
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प्रिय दिव्या तुम्हारे सभी लेख विचार पूर्ण हैं भाषा में थोड़ा और परिमार्जन चाहिये आशा है इस पर ध्यान अवश्य दोगी
धन्यवाद पर यह बात इन राजनीतिज्ञों को कब समझ आयेगी?
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