श्रद्धासुमन शहीद अरुणदास को
वतन पर मरने वाले क्या नहीं ईसार करते हैं
जमीं के जर्रे -जर्रे से वो इतना प्यार करते हैं.
कि मर जाने पे भी उनकी तडपती रूह कहती है-
"रजज को बन्द कर दो ये हमें बेजार करते है."
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शब्दार्थ: ईसार=त्याग, रजज=रणभेरी
डॉ.'क्रान्त' एम० एल० वर्मा
5 comments:
शहीद अरुण दास जी को विनम्र श्रद्धांजलि। उनकी लगन और जज्बे को सलाम ।
एक श्रद्धा-सुमन मेरा भी...
सच है... कुछों की शहादत बेनामी होकर महकती है..
Naman.Arundaas ji hamare dilon me hamesha jeevit rahenge.
Shaheedon ke khun kaa asar dekh lenaa.
Mitaa denge jaalim kaa ghar dekh lenaa
वतन के गद्दार और चैन से साँसें ले अब ये मंजूर नही,
मिटा देंगें हर नाम चाहे वो जिन्ना हो या गाँधी.
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