जनता पार्टी के पतन के कारण
(बड़े नेताओं की महत्वाकांक्षा)
नोट: यदि उस काल खण्ड पर नजर डालें तो उस समय एक चौधरी चरणसिंह की महत्वाकांक्षा के कारण जनता पार्टी का पतन हुआ था. आज उसी समय के अनेक राजनेता विद्यमान हैं लालू यादव, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार और भी कई जिनके नाम लेना मुनासिब नहीं रहेगा जनता सब समझती है. अस्तु!
(बड़े नेताओं की महत्वाकांक्षा)
जिसने तुम पर रख वरद हस्त उपकार किया,
तुमने असमय उस जयप्रकाश को मार दिया !
सम्पूर्ण क्रान्ति का उद्घोषक नव राष्ट्र-पिता,
उसको खा गयी तुम्हारे आगम की चिन्ता !
वोह अभी और कुछ दिन जिन्दा रह सकता था,
पर तुमने उसको मरने को लाचार किया !!
जीवन से कितना लड़ा कष्ट कितना भोगा,
जे० पी० जैसा दूसरा न अब पैदा होगा !
ईसा को सूली एक बार दी गयी मगर,
उसने तो इसका अनुभव कितनी बार किया !!
गान्धी की खा सौगन्ध सो गये तुम लेकिन,
जन-असन्तोष दे छोड़ तुम्हें यह नामुमकिन !
जिस युवा-शक्ति के बल पर तुम सत्ता पाये,
उस युवा-शक्ति को तुमने कितना प्यार दिया !!
तुम बड़े बड़ों ने अपना ही समझा महत्व,
युवकों को दिया नहीं अनुपातिक प्रतिनिधित्व !
जीवन थोड़ा रह गया कहाँ मिल पायेगा-
सत्ता-सुख, तुमने यही सोच स्वीकार किया !!
जेपी ने सोचा था जिनको सत्ता दी है,
उनमें से तो अधिकांश गान्धीवादी हैं !
पर तुमने गान्धी के सपनों को धूल चटा,
वस्तुतः व्यक्तिगत सपनों को साकार किया !!
तुमको सत्ता का लोभ अधिक इतना व्यापा,
जब मिली प्रसंशा की अब करते हो स्यापा !
जो अपनी राह चला उस पर यूँ भौंक-भौंक,
तुमने अपना बहुमूल्य समय बेकार किया !!
खुद किया न करने दिया रोज रूठते रहे,
दूसरे तुम्हारे झगड़ों से जूझते रहे !
कोई भी अच्छी बात नहीं मानी तुमने,
उल्टे उस पर वक्तव्य दिया प्रतिकार किया !!
अब भी कुछ बिगड़ा नहीं स्वार्थ कटुता छोड़ो,
इस घटक वाद से अब न अधिक नाता जोड़ो !
अन्यथा तुम्हें जे० पी० का लहू न बख्शेगा,
फिर मत कहना जनता ने तुम्हें उतार दिया !!
नोट: यदि उस काल खण्ड पर नजर डालें तो उस समय एक चौधरी चरणसिंह की महत्वाकांक्षा के कारण जनता पार्टी का पतन हुआ था. आज उसी समय के अनेक राजनेता विद्यमान हैं लालू यादव, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार और भी कई जिनके नाम लेना मुनासिब नहीं रहेगा जनता सब समझती है. अस्तु!
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