Sunday, March 30, 2014

नव संवत्सर अभिनन्दन

२०७१ वें नव संवत्सर की शुभकामनाएँ


संवत्सरो असि,परिवत्सरो असि, ईवत्सरो असि, इद्वत्सरो असि !
उषस:, अहोरात्र:, अर्द्धमास:, मासाश्च, ऋतव:, ते कल्पयन्ताम !!

प्रेत्यैच सम सारय प्रांच वत्सर, सुपर्ण आचित असि मंगलाचित!
देवस्तया  अंगिर  सीद अस्वत,  तया  ध्रुव:  नव - संवत्सरस्य !!

(यजुर्वेद-२७/४५ की प्रार्थना  का इन्द्रवज्रा छन्द में संस्कृत काव्य रूपान्तर)


उपरोक्त का हिन्दी काव्य-रूपान्तर

नया-वर्ष लो आ गया, गया पुराना वर्ष !
नये वर्ष में आपका, हो उत्तम उत्कर्ष !!

नव-प्रभात नव रात-दिन, नया पक्ष नव-मास!
नव-ऋतु बारह मास दें, जीवन में उल्लास!!

नये सुअवसर जो मिलें, कभी न जायें व्यर्थ!
यही हमारी दृष्टि हो, यही ध्येय का अर्थ!!

डॉ. मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'
ग्रेटर नोएडा (भारत)
 

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