Saturday, April 19, 2014

Congress divides and rules

गम्भीरता से सोचें

कहें 'क्रान्त' इस मुल्क में, क्या-क्या हुआ अजीब!
पहले बाँटा 'हिन्द' को, फिर उसकी तहजीब!!

कहें 'क्रान्त' इससे हुआ, बहुत बड़ा बदलाव!
भाई-भाई में हुआ, नफ़रत का फैलाव!!

कहें 'क्रान्त' सच की जगह, झूठ सौ दफ़े बोल!
हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख के, बीच दिया विष घोल!!

कहें 'क्रान्त' इस मुल्क में, काँग्रेस का राज!
अब ऐसा है जिस तरह, मर्ज़ 'कोढ़' में 'खाज'!!

कहें 'क्रान्त' इस मर्ज़ का, है एक ही इलाज!
काँग्रेस जाये,गया, ज्यों अंग्रेजी-राज'!!

कहें 'क्रान्त' इस बार हैं, कुछ ऐसे आसार!
नेता मिला नरेन्द्र -सा , पहली-पहली बार!!

कहें 'क्रान्त' यदि आ गयी, मोदी की सरकार!
आम आदमी देखना, उसे करेगा प्यार!!
 

Saturday, April 12, 2014

Narendra Modi and Yashoda Ben: a conspirated controversy

मोदी की शादी का मुद्दा

"सखि! वे मुझसे कहकर जाते" यह उलाहना गौतम बुद्ध की परित्यक्ता पत्नी  यशोधरा का तो हो सकता है यशोदा बहन का नहीं. क्योंकि नरेन्द्र भाई ने उन्हें बताकर ही देश-सेवा के मार्ग में कदम रक्खा था.

यहाँ याद आती हैं पं० रामप्रसाद बिस्मिल की ये पंक्तियाँ: "अपनी किस्मत में अजल ही से सितम रक्खा था, रंज रक्खा था मेहन रक्खी थी गम रक्खा था;हमने जब वादि-ए-गुर्बत में कदम रक्खा था, दूर तक यादे-वतन आयी थी समझाने को!"

और अन्त में  सबके लिये यह संदेश- "हे मातृभूमि! तू व्यथित न हो अच्छे दिन आने वाले हैं! फिर नया सबेरा एक बार मोदी जी लाने वाले हैं!!"