Friday, March 11, 2011

Doom of Democracy ?

लोकतन्त्र की लाश ?

संसद में महफूज़ है , लोकतन्त्र की लाश.
दीवट के नीचे दिया , बिखरा रहा प्रकाश.


लोकतन्त्र की आड़ में , वंशतन्त्र की बाड़.
खा  जायेगी  देश को ,  इसका करो जुगाड़.


शब्दों का जादू हुआ ,  इम्तहान   में फेल.
लील गयी  वट-वृक्ष को, बिना बाड़ की बेल.


पहले थी कच्ची कली, अब हो गई गुलाब.
राजनीति की महक से, सबका मन बेताब.


नेहरू हों या  इन्दिरा ,  या हों वे   राजीव.
इन तीनों के नाम है , स्मृतियों की नींव.


जे.एन.यू.  का बाप है ,  इग्नू का आकार.
फाउन्डेशन  देख लो ,  है सम्पत्ति अपार.


आदत कैसे  जायगी , सदियों  रहे गुलाम.
गोरी चमड़ी देखकर ,   हो जाते गुलफाम.




  संकेत:   जे.एन.यू.    =  जवाहर Lal Nehru University
                 इग्नू          =  Indira Gandhi National Open University
                 फाउन्डेशन  =  Rajiv Gandhi Foundation 

5 comments:

kirti hegde said...

सुन्दर रचना, आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा, आपसे अनुरोध है की प्रेम व भाईचारा के प्रतीक " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर आकर follower बनकर हमारा सहयोग करें. हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे. हमारा पता है.........www.upkhabar.in/
कीर्ति हेगड़े .. प्रचारक ..----- भारतीय ब्लॉग लेखक मंच. ...

Awadhesh Pandey said...

ab ek kranti ki jaroorat hai, tabhi loktantra bachega..

KRANT M.L.Verma said...

My dear Kirti
I saw your comment dated March 12, 2011.
You have not given your complete blog address.
How can I join you?

KRANT M.L.Verma said...

Respected Sushil Ji
I saw your comment dated 12th March, 2011.
You have not given the complte address of your blog
"NAJARIAA".Unable to locate you.

KRANT M.L.Verma said...

My Dear Anand Pandey
I have written a Gazal in Sanskrit. But you have
not posted your comment till date.
Hope so in future.
Thanks.