Monday, April 11, 2011

English Scotch in Gandhian Bottle-Episode 2

अथ श्री गान्धीजी कथा


कांग्रेस में गोखले, का सुन्दर व्यक्तित्व; देख  गान्धी को लगा, उनमें सही गुरुत्व.
उनमें सही गुरुत्व,  तत्व उनका  पहचाना; गान्धी  ने फिर बुना, देश में ताना-बाना.
कहें 'क्रान्त'  अंग्रेज-भक्त, उस  'काग-रेस'  में, मार ले गए बाजी,गान्धी  कांग्रेस में.

हुई  'बीस' में त्रासदी, तिलक गए  परलोक; कांग्रेस में छा गया,  भारत-व्यापी  शोक.
भारत-व्यापी शोक,लोक-निष्ठा में छाया; गान्धीजीने 'तिलक-फंड', तत्काल बनाया.
कहें 'क्रान्त'  उस समय, चबन्नी-मात्र फ़ीस में; एक करोड़ राशि एकत्रित, हुई 'बीस' में.

कांग्रेस फिर  हो  गयी,  रातों-रात  रईस; 'गान्धी-बाबा'  बन  गये,  कांग्रेस  के  'ईश'.
कांग्रेस के ईश,  शीश  सब  लोग  झुकाए; 'मोतीलाल'  पुत्र  को  लेकर, आगे  आये.
कहें 'क्रान्त' गान्धीको, सौंपा पुत्र 'जवाहर';जनता में हो गयी लोकप्रिय, कांग्रेस फिर. 

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